अशोक और उसके शिलालेख, उसका धम्म, संस्कृति, प्रशासन और कला,
अशोक, जिसे अशोक महान के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक था। उनके शासनकाल का प्राचीन भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा, विशेषकर शासन, संस्कृति, प्रशासन और कला के क्षेत्रों में। अशोक के शासन के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं:
1. अशोक के शिलालेख:
अशोक अपने पूरे साम्राज्य में चट्टानों और स्तंभों पर खुदे शिलालेखों और शिलालेखों के लिए प्रसिद्ध है। ये शिलालेख विभिन्न स्थानीय भाषाओं में लिखे गए थे और इनमें ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया गया था। उन्होंने अशोक की नीतियों, नैतिक सिद्धांतों और शिक्षाओं से अवगत कराया। शिलालेखों ने सामाजिक कल्याण, धार्मिक सहिष्णुता और नैतिकता के अभ्यास को बढ़ावा दिया।
2. अशोक का धम्म:
अशोक ने अपनी प्रारंभिक विजय के दौरान युद्ध की क्रूरताओं को देखने के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होंने धम्म (जिसे धर्म भी कहा जाता है) नामक अपने स्वयं के नैतिक कोड के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया। अशोक के धम्म ने अहिंसा, करुणा, धार्मिक सहिष्णुता और अपनी प्रजा के कल्याण पर बल दिया। उसने अपने सभी लोगों की भलाई को बढ़ावा देते हुए, न्याय और धार्मिकता के साथ शासन करने की मांग की।
3. अशोक के अधीन संस्कृति:
अशोक के बौद्ध धर्म के संरक्षण ने उसके साम्राज्य के सांस्कृतिक परिदृश्य को बहुत प्रभावित किया। उन्होंने एशिया के विभिन्न हिस्सों में बौद्ध मिशन भेजकर अपने दायरे में और उसके बाहर बौद्ध धर्म के प्रसार का समर्थन किया। अशोक के शासनकाल में बौद्ध प्रतीकों और शिलालेखों से सजी कई बौद्ध स्तूपों, मठों और स्तंभों का निर्माण देखा गया।
4. प्रशासन:
अशोक के प्रशासन को कुशल शासन और एक सुव्यवस्थित नौकरशाही द्वारा चिह्नित किया गया था। उसने अपने साम्राज्य को प्रांतों में विभाजित किया, प्रत्येक का नेतृत्व एक शाही राजकुमार या एक उच्च पदस्थ अधिकारी करता था। अशोक ने अधिकारियों को धम्म महामात्र के रूप में नियुक्त किया, जो नैतिक संहिताओं को लागू करने, विवादों को सुलझाने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार थे। उसने पूरे साम्राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जासूसों और दूतों का एक नेटवर्क भी स्थापित किया।
5. कला और वास्तुकला:
अशोक के संरक्षण में, कला और वास्तुकला का विकास हुआ। मौर्य कला शैली विकसित हुई, जिसमें पॉलिश किए गए पत्थर के खंभे, अखंड मूर्तियां और विस्तृत नक्काशी की विशेषता है। अशोक द्वारा बनवाए गए स्तंभ विशेष रूप से उल्लेखनीय थे, जो जटिल डिजाइन और शिलालेखों को प्रदर्शित करते थे। बौद्ध धर्म के चार महान सत्यों के प्रतीक चार शेरों वाला सारनाथ लायन कैपिटल, मौर्य काल की सबसे प्रसिद्ध कला कृतियों में से एक है।
अशोक के शासन ने भारत के इतिहास पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। उनके शिलालेखों और नैतिक शिक्षाओं ने नैतिक शासन, धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा दिया। उनके शासनकाल के दौरान सांस्कृतिक और कलात्मक प्रगति ने बौद्ध धर्म के प्रभाव और मौर्य साम्राज्य के संरक्षण को प्रतिबिंबित किया। उदार और दयालु शासक के रूप में अशोक की विरासत आज भी लोगों को प्रेरित करती है।