सेनोजोइक युग (CENOZOIC ERA)
- आज हम अतीत के बारे में जानकारी लेने जा रहे है। आज हम 66 मिलियन वर्ष पहले की यात्रा करेंगे । द सेनोजोइक युग को “age of mammals” या स्तनधरी के युग के नाम से भी जानते है।
- पृथ्वी के इतिहास में इस युग को प्रमुखता में तीसरा युग माना जाता है । इस युग की काफी हद तक वैज्ञानिक को जानकारी प्राप्त हुई थी। इस बात का ज्ञान हमें प्लेट टेक्टोनिक्स करती है ।
आज हम इस युग की भूवैज्ञानिक और जैविक दोनों जानकारी इस पोस्ट से प्राप्त होंगी।
- दुनिया का भूविज्ञान, वनस्पति और जीव समय के साथ साथ बदलती रही है। चट्टानें महाद्वीपों के साथ आगे बढ़ रही हैं। इस बात की जानकारी हम प्लेट टेक्टोनिक्स हमें करती है।
- सभी प्राकर्तिक चीजों का टेक्टोनिक प्लेटों धीरे धीरे टाइम के साथ सृजन और विनाश करती जा रही है।
- सेनोजोइक शब्द कानोजोइक शब्द से ही आया है। इस शब्द का उपयोग सबसे पहले अंग्रेजी भूविज्ञानी जॉन फिलिप्स ने किया था।
- सेनोजोइक युग सबसे महत्वपूर्ण रहा है ,क्योंकि ये उस टाइम को बताता है जब डायनासोर गायब हो रहे थे। स्तनधारी क्रांति की शुरुआत इस कल में ही हुई थी । वनस्पति और जीवों का विकास भी इस काल हुआ था।
- सेनोज़ोइक के दौरान अटलांटिक पर्वत का भी विकास हुआ था।
- भारत में भी विवर्तनिक झटके बड़ी मात्रा में आये जिस से हिमालय का गठन हुआ ।
इस युग की सुरुवात का पता हमें डायनासोर के विलुप्त होने से पता चलता है, इस कारण से ही स्तनधारी का विकास हुआ, ऐसी से काफी विवधता आयी , आनुवंशिक आदान-प्रदान होने के कारण बहुत प्रसार हुआ और अनुकूलनता को काफी बढ़ावा मिला।
इस युग में पूरी दुनिया में महान पर्वत श्रृंखलाएं, पहले होमिनिड ,ध्रुवीय टोपियां का विकास और मानव प्रजाति का भी विकास देखने को मिला। इस काल में शाकाहारी, मारसुपियल्स,जुगाली करने वाले जानवर, कीटभक्षी और व्हेल भी देखने को मिलती थी।
इयोसीन युग
- इस युग को 33.9 करोड़ साल पहले का माना जाता है , इस युग में घने जंगल में रहने वाली प्रजातियां अधिक मात्रा में विकसित होने में असमर्थ पाई गयी थी, इस काल में पाए जाने वाले स्तनपायी वजन में 10 किलोग्राम से भी कम के थे।
- इस काल में घोड़ा , सूअर , बन्दर आदि की उत्पति हुई।
- भूगोल की दृस्टि से इस काल में वृहद हिमालय (सर्वोच्च हिमालय) की उत्त्पति हुई ।
ओलिगोसीन युग
- इस काल को 23.03 करोड़ साल पहले से 33.9 लाख तक माना जाता है।
- इस काल में टेक्टोनिक प्लेटें भूमध्य सागर के प्रसार करने के लिए लगातार टकराती रहीं।
- पर्वत में हिमालय और आल्प्स पर्वत का निर्माण इस काल में ही हुआ था।
मियोसीन युग
- सभी पर्वत का निर्माण इस काल में पूरा हो गया था , जिससे पृथ्वी की सामान्य जलवायु ठंडी होती गयी।
- इस काल में घास के मैदान दुनिया भर में उत्पन्न होने लगे थे और धीरे धीरे जीव का विकसित होना शुरू हो गया था।
प्लियोसीन युग।
- इस काल में स्तनधारी का अपने विकास चरम स्थान पर फैल गए।
- जलवायु ठंडी और शुष्क हो गयी थी।
- इस काल में कपि से मानव की उत्पति की सुचना प्राप्त होती है ।
- इसी काल में शिवालिक हिमालय की उत्पति हुई।