कार्बोहाइड्रेट का सामान्य अध्ययन 3 आधार पर किया जाता है।
1. प्राकृतिक परिप्रेक्ष्य में,
2. रासायनिक परिप्रेक्ष्य में,
3. दैनिक आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में,
1. प्राकृतिक परिप्रेक्ष्य में—प्राकृतिक अवधारणा के अनुसार फल (मीठे फल), सब्जियां (आलू), अनाज (जो, चावल) मोटा अनाज, दूध, दूध के उत्पाद, शहद, रूई पेड़ पौधे में भी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
2. रासायनिक परिप्रेक्ष्य में—रासायनिक दृष्टिकोण से कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के तत्वों से मिलकर बना होता है। जिस में कार्बन की मात्रा 1 हाइड्रोजन की मात्रा 2 ऑक्सीजन की मात्रा 1 उपस्थित होती है। तीनों तत्व (1:2:1) के अनुपात मे उपस्थित होते हैं।
हाइड्रोजन की मात्रा अधिक होती है। क्योंकि हाइड्रोजन का कैलोरिक मान अधिक होता है। इसलिए कार्बोहाइड्रेट हमें ऊर्जा प्रदान करता है।
नोट—1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के ऑक्सीकरण से हमें 4.2 कैलोरिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
नोट—कार्बोहाइड्रेट हमारे ऊर्जा का द्वितीयक स्रोत है। क्योंकि वसा को प्राथमिक स्रोत माना जाता है।
1 ग्राम वसा से 9.2 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है तथा 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से 4.2 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। अर्थात वसा ऊर्जा का अधिक एवं प्राथमिक स्रोत है।
नोट—वास्तव में हम अपनी दैनिक ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊर्जा के द्वितीयक स्रोत से प्राप्त करते हैं अर्थात (60 से 65% भाग) क्योंकि वसा का अधिक सेवन नहीं किया जाता।
कार्बोहाइड्रेट चार प्रकार का होते है।
1. मोनोसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट।
2. डाईसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट।
3. ओलिगोसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट।
4. पॉलीसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट।