मानव पाचन तंत्र एवं मानव दांत की संरचना।
मानव पाचन तंत्र।
छोटी आंत के प्रकार
छोटी आंत तीन प्रकार की होती है।
1. डुओडेनम
2. जेजुनम
3. इलियम
बड़ी आंत के प्रकार
1. सीकम
2. कोलेन
3. रेक्टम
पाचन तंत्र —> आहार नाल —> मुख गुहा —> ग्रहस्नी —> अमाशय —> छोटी आंत —> बड़ी आंत —> गुदाद्वार।
पाचन ग्रंथियां— लार ग्रंथि, अमाशय, जठर ग्रंथि।
मुख गुहा— दांत, लार ग्रंथि, जिहवा।
मनुष्य के दांत (teeth)
भोजन ग्रहण करने के पश्चात दांत आहार नाल के बाद पाचन क्रिया का दूसरा प्रयोगात्मक अंग है। जिससे पाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने के पश्चात भोजन के बड़े टुकड़ों को छोटे-छोटे भाग में कर दिया जाता है।
दांत दो प्रकार के होते हैं।
1. दूध के दांत
2. स्थाई दांत
1. दूध के दांत— दूध के दांत बचपन में निकलते हैं। जिनकी संख्या 20 होती है। ऊपरी जबड़े में 10 दांत तथा निचले जबड़े में 10 दांत होते हैं।
# 6 से 7 वर्ष की अवस्था में दूध के दांत पूर्णता निकल जाते हैं। और गिर भी जाते है।
# जब बच्चे की अवस्था छह माह की होती है। तो सबसे पहली बार में 2 दांत आते हैं। जिन्हें मध्यवर्ती दांत कहा जाता है। जो नीचे के 2 दांत होते हैं।
# 12 माह पूर्ण होने तक बच्चे के इस अवस्था में 8 दांत निकल जाते हैं। तथा 24 माह पूर्ण होने तक बच्चे के सभी दांत(20 दांत) निकल आते हैं। तथा 7 से 8 वर्ष पूर्ण होने तक दूध के दांत गिरने लगते हैं। और उसी स्थान पर स्थाई दांत जमने लगते हैं। स्थाई दातों की उम्र लगभग 50 से 60 साल होती है।
2. स्थाई दांत— स्थाई दांत 17 साल से 25 वर्ष की अवस्था में माने जाते हैं। जिनमें ऊपरी जबड़े में 16 दांत निचले जबड़े में 16 दांत होते हैं। अर्थात स्थाई दांत की संख्या 32 हो जाती है।
मनुष्य के दांत के प्रकार
मनुष्य के दांत चार प्रकार के होते हैं।
1.कृतक (Incisors) कहते हैं। इनका का कार्य भोजन को काटना होता है। इनका विकास 6 माह की आयु में हो जाता हैं।
2.रदनक (Canines) कहते हैं। इनका का कार्य भोजन को फाड़ना होता है। इनका विकास 16 से 20 महीने के आयु में हो जाता है।
3.अग्र-चवर्णक (Premolars) कहते हैं। इनका का कार्य भोजन को चबाना होता है। इनका विकास 10 से 11 वर्ष की आयु में हो जाता है।
4.चवर्णक (Molars) कहते हैं। इनका का कार्य भी भोजन चबाना होता हैं। प्रत्येक जबड़े में 6 दांत होते हैं।
उभयचर, सरीसृप, स्तनधारी और मछली आदि में दातों के प्रकार
1.Thecodont teeth— यह दांत जबड़े की अस्थि के अंदर धसे होते हैं। उदाहरण के तौर पर मनुष्य के दांत।
2.Acrodont teeth— यह दांत जबड़े की अस्थि के ऊपर चिपके जैसे होते हैं अर्थात यह रूट में धसे नहीं होते हैं।
उदाहरण— छिपकली के दांत, सांप के दांत आदि।
3.Homodont teeth— यह दांत जिस जीव के अंदर होते हैं। उस जीव के सभी दांत एक समान होते हैं।
उदाहरण— मेंढक के दांत,डॉल्फिन के दांत आदि।
4.Hetrodont teeth— यह दांत जिस जीव के अंदर होते हैं। उनके दांतो में असमानता पाई जाती है।
उदाहरण— मनुष्य, कुत्ता, बिल्ली, शेर आदि।