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जानें नैनीताल उत्तराखंड के नीम करौली बाबा आश्रम (कैंची धाम) की चमत्कारी कहानियां और रोचक तथ्य

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कैंची धाम के नीम करौली बाबा आश्रम- (Kainchi Dham Neem Karoli Baba Ashram)

Neem Karoli Baba Ashram Nainital Uttarakhand

नीम करोली बाबा आश्रम नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित एक विचित्र आश्रम है और हनुमान मंदिर है आगंतुकों के द्वारा इस स्थान को अनेकों नामों से जाना जाता है।  इस आश्रम के प्रमुख नामों में से कैंची धाम विख्यात है। नीम करोली बाबा के आश्रम दुनिया भर से भक्तों दर्शन करने के लिए हिमालय की तलहटी मैं बसे इस छोटे से आश्रम में आते हैं। इस आश्रम को किस्मत बदलने वाला आश्रम भी कहा जाता है आश्रम में प्रतिदिन 7:30 बजे  आरती होती हैं। जिसमे शरीक होना भक्त अपने लिए वरदान मानते हैं। हर साल इस आश्रम में 15 जून को एक विशाल मेला में भंडारे का आयोजन किया जाता है। उस दिन आश्रम में भक्तों की विशाल भीड़ दर्शन करने के लिए दुनिया भर से आती है। नीम करोली आश्रम की स्थापना 1964 में की गई थी। 1962 में पहली बार किस आश्रम में आए थे। नीम करोली बाबा तथा उनके मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर आश्रम बनाने का विचार किया। देव गुरु बाबा नीम करोली के दुनिया भर में 108 आश्रम है जिसमें कैंची धाम प्रथम आश्रम तथा सबसे लोकप्रिय आश्रम में से एक है। इस आश्रम में आम आदमी ही नहीं अरबपति , खड़क पति भी बाबा के भक्तों में शामिल होते हैं जिसमें देखा जाए पीएम और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स अमेरिका के प्रसिद्ध गणितज्ञ और फेसबुक के संस्थापक जोकड़ वर्ग जैसी हस्तियां भी बाबा के भक्तों श्रेणी में शामिल है।

नीम करोली बाबा का जीवन परिचय-

नीम करोली बाबा का जन्म फिरोजपुर के अकबरपुर जिले  के छोटे से गांव में हुआ था। इनका गांव हिरनगांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। इनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। बाबा नीम करोली को आज के युग का भारतीय दिव्य पुरुष माना जाता है। 17 वर्ष की आयु में बाबा नीम करोली जी ने संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लिया था। इन्हें  भगवान के बारे में संपूर्ण ज्ञान प्राप्त हो चुका था। इस अवस्था में  इतना ज्ञान प्राप्त होना सामान्य व्यक्ति के लिए असंभव है। ऐसा कहा जाता है की नीम करोली बाबा के गुरु स्वयं भगवान श्री हनुमान जी के थे। नीम करोली बाबा को किस्मत बदलने वाले बाबा माना जाता है। दुनिया भर में लोग बाबा के आश्रम में दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि आश्रम में आए श्रद्धालु बाबा की मूर्ति के दर्शन मात्र से अपनी किस्मत की रेखाएं बदल सकते हैं। एवं हर परेशानियों से निदान प्राप्त करते हैं। ऐसे बाबा जिनकी कहानियां सात समुंदर पार तक विख्यात है। हमारे देश में रंगीले बाबाओं के अलावा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने वाले बाबा भी पुराने समय से ही इनकी कहानियां भारतवर्ष में  आज भी सुनने को मिलती है। ऐसे बाबा जी लोगों की मानसिक भावनाओं को व्यक्ति को देखने मात्र से पता  कर लेते थे। तथा उनकी परेशानियों का निवारण करते थे। ऐसा माना जाता है की नीम करोली बाबा 1962 ईस्वी में कैंची धाम उत्तराखंड पहुंचे थे। उस समय कैंची धाम एक छोटा कस्बा या गांव था। जिसमें केवल 15 घर की आबादी थी। कैंची धाम की खोज की एक अनोखी कहानी भी वहां के लोगों द्वारा बताई जाती है। बाबा नीम करोली के भक्त अमेरिका,लंदन, फ्रांस आदि देशों के लोग भी बाबा को बहुत मानते हैं। तथा हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर कैंची धाम पहुंचकर बाबा के आश्रम के दर्शन प्राप्त करते हैं। ऐसा प्राचीन लोगों के द्वारा बताया जाता है कि बाबा किसी भी भक्त या व्यक्ति के सिर पर हाथ रखकर उसके मन व जीवन में चल रही सभी गतिविधियों को जान लेते थे। नीम करोली बाबा 1958 के दिनों में गृह त्याग करके अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े और साधु बन गए। इस समय में बाबा को अनेकों नामों से जाना जाता है। मसलन  हांडी वाले बाबा,  तलैया बाबा, चमत्कारी बाबा आदि बाद में अंतिम दिनों में नीम करोली बाबा ने कैंची धाम वास किया तथा 1973 ईस्वी मे वृंदावन में अपने प्राण त्याग दिए। अंतिम समय में बताया जाता है कि उन्हें जब अस्पताल में ऑक्सीजन मास्क आदि लगे थे। तो बाबा ने कुछ समय उपरांत ऑक्सीजन मास्क आदि को हटाकर अलग रख दिया और गंगाजल मांगा। गंगाजल को हाथ में रखकर  नीम करोली बाबा ने वृंदावन में समाधि ले ली।

नीम करोली बाबा की महिमा- 

नीम करोली बाबा की चमत्कारी कहानियां सात समुंदर पार तक विख्यात है

अनेको कहानियों में से कुछ निम्न प्रकार है

  • रिचर्ड एल्पर्ट अमेरिकी गणितज्ञ।
  • जूलिया रॉबर्ट्स हॉलीवुड अभिनेत्री।
  • स्टीव जॉब्स एप्पल कंपनी के संस्थापक।
  • मार्क जुकरबर्ग फेसबुक के संस्थापक।

आदि आदि दुनिया के जाने पहचाने चेहरे बाबा के भक्तों में शामिल है।  जिनकी बाबा से संबंधित एक विचित्र कहानी है। यह कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है।

1.मार्क जुकरबर्ग फेसबुक के संस्थापक की कहानी*

मार्क जुकरबर्ग की कहानी ऐसी कहानी है। जिसे सुनकर हमारे प्रधानमंत्री भी आश्चर्यचकित हो  गए थे। ऐसा बताया जाता है कि जुकर बर्ग की कंपनी फेसबुक जब घाटे में चल रही थी और फेसबुक के मालिक को जब कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था। तब वो नीम करोली बाबा के दर्शन करने भारत आए। बाबा के आशीर्वाद से फेसबुक के मालिक कि सभी परेशानियां समाप्त हो गई और फेसबुक कंपनी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई। इस कहानी को स्वयं जुकरबर्ग ने अपने शब्दों में कहा है कि जब नीम करोली बाबा के आश्रम मे आने के बसे  पश्चात उन्हें प्रेरणा मिली वह कहते हैं कि एक वक्त था जब मुझे कुछ नहीं दिखाई दे रहा था लोग फेसबुक को खरीदना चाह रहे थे। मुझे भी लगने लगा था कि आप फेसबुक को बेच देना चाहिए तो वह उस वक्त अपने मेंटर स्टीव जॉब्स के पास गए उन्होंने मुझे समझाया कि अगर तुम विश्व से जुड़ना चाहते हो जो कि तुम्हारी कंपनी का जरूरत भी है तो भारत में स्थित एक मंदिर जाओ तो  1 महीने के सफर करने के बाद वह बताते हैं कि मैं मंदिर पहुंच गया वहां जाकर मुझे पता चला कि लोग कैसे एक दूसरे से जुड़े हैं। जिससे एक बेहतर विकल्प का निर्माण किया जा सकता है। तब आकर उन्होंने अपनी कंपनी फेसबुक पर काम किया और फेसबुक को पूरे विश्व में एक उच्च स्तर का स्थान प्राप्त हुआ जैसा कि आज आप सब लोग भी यह देख सकते हैं कि फेसबुक अपनी चरम सीमा पर है। फेसबुक कंपनी के मालिक या स्वयं बताते हैं कि वह बाबा नीम करौली के आश्रम एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स के बताने पर गए थे। आश्रम में दर्शन करने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी में कोई परेशानियों का सामना नहीं किया और फेसबुक कंपनी अपनी ऊंचाइयों पर पहुंच गई।

2.एप्पल कंपनी के संस्थापक की स्टीव जॉब्स की कहानी*

ऐसा बताया जाता है कि एप्पल के एप्पल कंपनी के संस्थापक 70 के दशक में यह बाबा के दर्शन तो नहीं कर पाए क्योंकि उस समय तक बाबा समाधि ले चुके थे। परंतु बाबा के आश्रम में आकर, दर्शन करने के बाद उनके जीवन में भी अनेक चमत्कारी परिवर्तन आए और उन्होंने एप्पल कंपनी की स्थापना कर दी जो कि आज पूरे विश्व भर में विख्यात है। ऐसा बताया जाता है। कि स्टीव जॉब्स नीम करोली बाबा की तस्वीर हमेशा अपने पर्स में रखकर रहते थे। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन में बाबा की तस्वीर को सामने रखा था।

3.रिचर्ड एल्पर्ट अमेरिकी गणितज्ञ की कहानी*

साठ के दशक में जब अमरीकी गणितज्ञ भारत के दौरे पर आए जब वह किसी चैतन्य व्यक्ति की तलाश में थे। हिमालय के वादियों में घूमते हुए। उन्हें एक व्यक्ति से मुलाकात हुई।जो अमीरेकी व्यक्ति थे। वह व्यक्ति अमेरिकी गणितज्ञ  रिचर्ड एल्पर्ट को बाबा नीम करोली के आश्रम में जानें को कहा जब रात के समय रिचर्ड एल्पर्ट अपनी गाड़ी से बाबा नीम करोली आश्रम की ओर जा रहे थे तब उनकी गाड़ी रास्ते में रूकती है। तो रिचर्ड अल्बर्ट गाड़ी से बाहर निकल कर आसमान की तरफ देखते हैं। तो वह आसमान में चमकते तारों को देखते हुए उन्हें अपनी मां की याद आती है। तब कुछ समय के बाद गाड़ी में बैठकर आगे की ओर बढ़ते हैं। और नीम करोली आश्रम पहुंचते हैं। आश्रम में पहुंचने के बाद जब वह बाबा नीम करौली से मिलते हैं। तो बाबा कहते हैं कि मुझे पता है कि तुम आसमान में तारों के बीच अपनी मां को ढूंढ रहे थे उसके बाद रिचर्ड एल्पर्ट यह सुनकर आश्चर्यचकित हो गए तथा रिचर्ड एल्पर्ट बाबा नीम करोली के  शिष्य  बन गए जोकि आगे चलकर रामदास के नाम से जाने जाने  जाता है। कि बाबा नीम करोली लंबे प्रवचन के बजाय लोगों को मुक्त अवस्था में देखना चाहते थे। बाबा नीम करोली एक ऐसे आश्रम की स्थापना की जो कि पोप लीला व आडंबर से लिप्त ना हो।

4.जूलिया रॉबर्ट्स हॉलीवुड अभिनेत्री की कहानी*

हॉलीवुड की अभिनेत्री जूलिया अल्बर्ट्स ने अपनी कहानी अपने मुंह जवानी बताइए। उन्होंने बताया है कि मुझे नीम करोली बाबा की तस्वीर को देखकर हिंदी सीखने की दिलचस्पी होगी उन्होंने बताया कि मुझे उनके बारे में पहले कुछ नहीं पता था। पर मेरी हिंदी सीखने की इच्छा तथा हिंदू धर्म को जानने की इच्छा बहुत बढ़ गई और मैने फोटो देखकर हिंदी सीखना तथा हिंदू धर्म को जानना , स्वीकार करना अपने मन में  निर्णय बना लिया उन्होंने कहा है कि मैं बाबा के दर्शन तो नहीं कर सकी क्योंकि वह 1973 ईस्वी में गुजर चुके थे। फोटो को देखकर मेरे मन में हिंदू धर्म के प्रति बहुत अधिक दिलचस्पी हो गई इसी कारण से आगे चलकर जूलिया अल्बर्ट्स ने हिंदू धर्म को स्वीकार किया।

ऐसी अनेकों चमत्कारी कहानियां बाबा नीम करोली एवम उनके आश्रम से जुड़ी हुई है।

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