NCERT कक्षा 6 गणित अध्याय 6 पूर्णांकों पर बुनियादी अवधारणाओं का संक्षिप्त अवलोकन प्रदान करें।
अध्याय 6: पूर्णांक
पूर्णांकों का परिचय:
पूर्णांक पूर्ण संख्याएँ हैं जिनमें शून्य के साथ-साथ धनात्मक और ऋणात्मक दोनों मान शामिल होते हैं। वे उन मात्राओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए आवश्यक हैं जिनमें लाभ और हानि दोनों शामिल हैं।
धनात्मक और ऋणात्मक पूर्णांक:
धनात्मक पूर्णांक शून्य से बड़े होते हैं, ऋणात्मक पूर्णांक शून्य से छोटे होते हैं और शून्य को ही तटस्थ माना जाता है। पूर्णांक दिशा, तापमान और विभिन्न वास्तविक जीवन स्थितियों को व्यक्त करने में मदद करते हैं।
संख्या रेखा पर प्रतिनिधित्व:
संख्या रेखा एक दृश्य प्रतिनिधित्व है जो सकारात्मक और नकारात्मक पूर्णांकों की सापेक्ष स्थिति को समझने में मदद करती है। धनात्मक पूर्णांक शून्य के दाईं ओर हैं, और ऋणात्मक पूर्णांक बाईं ओर हैं।
पूर्णांकों का योग:
पूर्णांकों को जोड़ने में सकारात्मक और नकारात्मक मानों का संयोजन शामिल होता है। जोड़े जाने वाले अंकों के चिन्हों पर विचार करके परिणाम का चिन्ह निर्धारित करने के लिए नियम स्थापित किये जाते हैं।
पूर्णांकों का घटाव:
पूर्णांकों का घटाव जोड़ की विपरीत प्रक्रिया के रूप में शुरू किया गया है। जोड़ और घटाव के बीच संबंध को समझना महत्वपूर्ण है, खासकर नकारात्मक संख्याओं के साथ।
पूर्णांकों का गुणन:
पूर्णांकों को गुणा करने में गुणनखंडों के चिह्नों पर विचार करना शामिल है। गुणा करने वाली संख्याओं के चिह्नों पर विचार करके गुणनफल का चिह्न निर्धारित करने के लिए नियम परिभाषित किए गए हैं।
पूर्णांकों का विभाजन:
पूर्णांकों के विभाजन में सकारात्मक और नकारात्मक मानों से निपटने के नियम शामिल हैं। गुणन और भाग के बीच संबंध को समझने से पूर्णांकों से जुड़ी समस्याओं को हल करने में सहायता मिलती है।
पूर्णांकों के गुण:
पूर्णांक जोड़ और गुणा के अंतर्गत बंद होने का प्रदर्शन करते हैं। ये गुण पूर्णांकों के साथ संक्रियाओं से जुड़ी गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए मूलभूत हैं।
पूर्णांकों के अनुप्रयोग:
पूर्णांक विभिन्न वास्तविक जीवन परिदृश्यों में अनुप्रयोग पाते हैं, जिनमें तापमान परिवर्तन, समुद्र तल से ऊपर या नीचे ऊंचाई, लाभ और हानि, और बहुत कुछ शामिल हैं। पूर्णांकों को समझने से व्यावहारिक स्थितियों में समस्या-समाधान कौशल में वृद्धि होती है।
पूर्णांकों की तुलना:
छात्र इससे अधिक, उससे कम और बराबर प्रतीकों का उपयोग करके पूर्णांकों की तुलना करना सीखते हैं। पूर्णांकों के क्रम को समझने में यह कौशल महत्वपूर्ण है।
निरपेक्ष मूल्य:
निरपेक्ष मान को संख्या रेखा पर शून्य से किसी संख्या की दूरी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, चाहे उसका चिह्न कुछ भी हो। यह अवधारणा संख्याओं के परिमाण को समझने में सहायता करती है।
संदर्भ में पूर्णांकों का उपयोग करना:
अध्याय गणितीय और व्यावहारिक संदर्भों में पूर्णांकों के महत्व पर जोर देकर समाप्त होता है। छात्रों को विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए पूर्णांकों के अपने ज्ञान को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह संक्षिप्त सारांश निर्दिष्ट शब्द सीमा के भीतर एनसीईआरटी कक्षा 6 गणित अध्याय 6 की प्राथमिक अवधारणाओं को शामिल करता है।