प्रेम मंदिर मथुरा जिले के पास वृंदावन में स्थित है। इस मंदिर को राधा कृष्ण मंदिर भी कहां जाता है। प्रेम मंदिर की सुंदरता बेहद मनमोहक दृश्य प्रदर्शित करने वाली है, जब हम प्रेम मंदिर पहुंचते हैं तो एक सुंदर सफेद रंग में एक मंदिर स्थापित है, जिसे हम प्रेम मंदिर के नाम से जानते हैं, इस मंदिर का निर्माण जगतगुरु कृपालु महाराज के द्वारा भगवान श्री कृष्ण तथा माता राधा रानी के रूप में स्थापित कराया गया। यह मंदिर को बनाने में लगभग 11 वर्ष का समय लगा। ऐसा बताया जाता है। कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि के द्वारा कराया गया हैं। यह मंदिर भव्य स्वरूप में इटालियन संगमरमर के द्वारा रचित है। यह मंदिर को बनाने में राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के लाखों कारीगरों के द्वारा काम किया गया है। जो कि आज भव्य स्वरूप और सुंदरता का प्रदर्शन करता है इस मंदिर के आसपास की हरियाली, बगीचे की बनावट, श्री कृष्ण जी के द्वारा रक्षित अपने समय में, रासलीला का चित्रित वर्णन, मूर्ति रूप में प्रदर्शित किया गया है, जो इस परिसर को बेहद सुंदर स्वरूप प्रदान करती है।
प्रेम मंदिर का इतिहास
प्रेम मंदिर प्राचीन काल की भारतीय शिल्प कला के पुनर्जागरण का आधुनिक नमूना है। जोकि हिंदू स्थापत्य शैली का भरपूर प्रदर्शन करता है। 54 एकड़ में फैला यह मंदिर 124 फुट ऊंचा ,122 लंबा, और 114 फुट चौड़ा एक विशाल स्वरूप में, वृंदावन में मथुरा जिले के क्षेत्र में स्थित है। जिसमें राधा कृष्ण की मनमोहक झांकियां मंदिर के उद्यान के बीच में, इस मंदिर की शोभा में चार चांद लगा देती है। मंदिर के स्वरूप तथा झांकियों का प्रदर्शन, भारत के मंदिर वास्तुकला के प्रेम का भरपूर प्रदर्शित करता है। प्रेम मंदिर में, जो पत्थरों पर नक्काशी की गई है। वह नागर शैली में है। आम तौर पर आप दिखते होंगे अधिकतर मंदिरों मे नकाशी ऊपर से मिलेगी। लेकिन प्रेम मंदिर में नकाशी नीचे से की गई है। और बेहद सुंदर स्वरूप प्रदर्शित करती है प्रेम मंदिर की स्थापना मैन रोड पर ही बनाया गया है। इसमें कुछ ही दूरी पर हाईवे है जिससे हम आगरा -मथुरा -दिल्ली हाइवे कहा जाता है। यह मंदिर सभी वर्ण, जाति, देश, विदेश के सभी लोग के लिए चारो दिशाओं में खुला है। प्रेम मंदिर में लगभग कुल 94 स्तंभ स्थापित किए गए हैं। जिनमें स्तंभों पर गोपियों की मूर्ति का एक सुंदर स्वरूप अंकित किया गया है जोकि ऐसा महसूस कराती हैं कि जैसे जागृत और सजीव जीवन चरित्र का प्रदर्शन हो, मंदिर के अंदर तथा बाहर, प्राचीन भारतीय वास्तुकला की सुंदर रूप में चित्रित नकाशी प्रदर्शित की गई है संगमरमर पर राधा गोविंद गीत अंकित किया गया है। मंदिर के परिसर में भगवान श्री कृष्ण के दुबारा सभी रासलीला की एक सजीव झांकियों के द्वारा मूर्तियों के रूप में बताया गया है। जो कि इस मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान करती हैं।
प्रेम मंदिर का खुलने का समय एवं शुल्क
प्रेम मंदिर दिन में तीन बार खुलता है। सुबह मंदिर 5:30 बजे खुलता है, और 6:30 बजे सुबह की भोग लगाकर पट बंद होते है, इसके बाद सुबह 8:30 बजे मंदिर में आरती होती है, तथा 10:30 बजे भोग लगाया जाता है, और दोपहर 12:00 बजे पट बंद कर दिए जाते हैं । इसके बाद शाम 4:30 बजे मंदिर आरती एवं दर्शन होता है। और 5:30 बजे भोग लगा जाता हैं इसके बाद 8:10 पर शाम में आरती होती है तथा 8:30 बजे पट बंद कर दिए जाते हैं मंदिर के अंदर अन्य प्रकार की आरती का प्रदर्शन किया जाता है। प्रेम मंदिर में जब आरती का समय होता है देश-विदेश के लोगों बड़ी मात्रा में भगवान श्री कृष्ण और माता राधा की आरती में अपने आप को शामिल करने के लिए आते हैं। मंदिर के अंदर जाने का कोई शुल्क नहीं है, प्रवेश के समय सभी वर्ण, जाति के लिए निशुल्क है। अगर आप पूरे मंदिर को अच्छे से घूमना चाहते हैं। तो कम से कम 2 घंटे की समय के अंदर प्रेम मंदिर को अच्छे से घूम सकते हैं वहां की सुंदरता को अपनी आंखों में समा सकते हैं
प्रेम मंदिर का परिसर
प्रेम मंदिर में रात के समय के लिए जगह पर लेजर लाइट की व्यवस्था की गई है। जोकि 30 सेकेंड मे अलग-अलग रंग में परिवर्तित होती रहती है। जिससे प्रेम मंदिर का रंग भी अलग-अलग प्रकार से दिखाई देता है। रात में प्रेम मंदिर और भी सुहाना लगता है। प्रेम मंदिर के परिसर के एक हिस्से में कैंटीन भी बनी हुई है। जिसमें आप विश्राम कर सकते हैं और खानपान भी कर सकते हैं कैंटीन में साफ सफाई की व्यवस्था उचित ध्यान दिया जाता है और प्रेम मंदिर के परिसर में जगत गुरु कृपालु महाराज के ट्रस्ट का खुद का अस्पताल भी बना हुआ है। जिसमें निश्चित नियमों के अंतर्गत साधु ,विधवा एवं गरीबों का निशुल्क चिकित्सा में प्राथमिकता दी जाती है। चिकित्सालय में ओपीडी का समय सुबह 7:30 से 11:30 तक, दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे तक। चिकित्सालय इन सेवाओं का प्रारंभ 20 जून 2021 से प्रारंभ किया गया। दंत विभाग की सेवाएं केवल सोमवार, मंगलवार, बुधवार को ही उपलब्ध होंगी इस अस्पताल में बहुत अच्छी व्यवस्था है जिसमें आप निशुल्क अपना इलाज करा सकते हैं। मंदिर परिसर में ही प्रेम साधना सामग्री हेतु कुछ छोटी-छोटी दुकानों के रूप में दिखाया गया है जिसमें ऑडियो वीडियो, लाइब्रेरी, अन्य इंस्टॉल लगाए गए हैं जिसमें श्रद्धालु अपनी यादों के लिए कुछ सामान ले कर घर जा सकते है। मंदिर के गर्भगृह के अंदर कैमरा ले जाना निषेध है लेकिन गर्भ ग्रह के पट बंद होने के बाद आप कुछ तस्वीरें ले सकता है।